समाजवादी छात्र सभा के नेशनल सेक्रेटरी अमित कुमार मंडल समेत जेएनयू के कई अन्य छात्रों ने समाजवादी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है.
बीते 8 वर्षों से पार्टी में कार्य कर रहे अमित कुमार मंडल एवं छात्रों ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी है. पार्टी छोड़ने वालों में अमित मंडल के अलावा आदित्य मौर्य, अनुष्का वर्मा, कृष्ण कुमार, मनोज कुमार यादव, सुरेंद्र पासवान,संजय कन्नौजिया, सौरभ पाल, सुनीता यादव, रितेश कुमार, प्रवेश प्रजापति, आरती मिश्रा, सुधा मौर्या, विकास पाल, रियाजुल हक़ (राजू), शीतल त्रिपाठी, राजेश कुमार गुप्ता, आदर्श सिंह, निहारिका, प्राची, प्रियंका, प्रियांशु, ऋतुज आदि. शामिल हैं .
सभी ने निम्नलिखित बिंदुवार आरोप लगाए हैं
मेरे और मेरे साथियों के पार्टी छोड़ने का कारण बिंदुवार निम्नलिखित है -
मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को पार्टी मुख्यालय से लेकर क्षेत्र भ्रमण तक दलालों तथा दलालों के दलालों द्वारा घेर कर रखा जाना तथा अपने जैसे दलालों को पार्टी में आगे बढ़ाया जाना.
पार्टी एवं फ्रंटल संगठनों में कहीं भी पार्टी के संविधान के नियम व कानून का पालन नहीं होना.
पार्टी एवं फ्रंटल संगठनों के प्रमुख पदों पर या तो मठाधीश यादवों या उनके दलालों का बैठा होना.
गैर यादव दूसरी बिरादरी के व्यक्ति को स्वतंत्र होकर कोई भी कार्य नहीं करने दिया जाना.
गैर यादव पिछड़ी जातियों को लेकर पार्टी में सभी स्तरों पर व्यापक अविश्वास का होना.
मेरे नाम से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर मुझे बदनाम किया जाना.
जेएनयू में छात्र सभा को बर्बाद करने के लिए और सभी गैर यादव जातियों के साथियों को अपमानित करने के लिए अनेकानेक षणयंत्र किया जाना.
जेएनयू में पार्टी के लिए एक भी दिन काम न करने वाली एक लड़की को पार्टी संविधान की अवहेलना करते हुए उसे अध्यक्ष बनाया जाना ताकि यहां गत 2-3 वर्षों से काम कर रहे लोगों को अपमानित किया जा सके.
पार्टी के कुछ जातिवादी नेताओं का जेएनयू आकर अपनी जाति के लोगों के साथ मीटिंग करना.
पार्टी में विचारधारा से अधिक बिरादरी के लोगों को महत्त्व दिया जाना.
मामलों को लगातार पार्टी के जिम्मेदार लोगों के संज्ञान में लाने के बावजूद किसी पर कोई कार्यवाही न होना.
PDA रणनीति के नाम पर खानापूर्ति किया जाना.